Events & Updates
Child Sexual Abuse Laws In India
The Protection Of Children From Sexual Offences Act (POCSO Act) 2012 defines a child as any person below eighteen years of age. It defines different forms of sexual abuse, including penetrative and non-penetrative assault, as well as sexual harassment and pornography….
Road Accident Laws in India
Accidents which are caused by the rashness or negligence of the driver give rise to criminal liability. Section 304A of the IPC covers such liability which is punishable for 2 years or fine or both. It is absolutely necessary that death or injury should be a direct result of the negligent act of the accused.
Consumer Laws in India
Consumer rights are the rights given to a “consumer” to protect him/her from being cheated by salesman/manufacturer.
What is Anticipatory Bail?
अग्रिम जमानत कैसे प्राप्त करें !
अग्रिम जमानत कैसे प्राप्त करें !
अग्रिम जमानत उस व्यक्ति द्वारा प्राप्त की जा सकती है जो गिरफ्तारी की उम्मीद करता है। इसलिए, अग्रिम जमानत व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले भी जमानत पर एक व्यक्ति को रिहा करने की दिशा है। आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत लागू की जाती है। इस लेख में, हम भारत में अग्रिम जमानत प्राप्त करने की प्रक्रिया को जानते हैं।
Laws on Child Marriage in India
Prohibition of Child Marriage Act, 2006 envisages preventing child marriages with enhanced punishments of rigorous imprisonment for two years and/or fine of INR 1 lakh. It defines a child to mean a male below 21 years and female below 18 years.
Laws on Demand of Dowry
धारा 498a क्या है और इसके दुरुपयोग का जवाब कैसे दें?
आ़खिर 498-ए है क्या?
हमारे देश में अस्सी के दशक में महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा बड़ा मुद्दा बन गया था.
ऐसा पाया गया कि परिवार नाम के दायरे के अंदर महिलाओं के खिलाफ हिंसा की प्रमुख वजहों में से एक दहेज भी है. इसी वक्त मुल्क में दहेज हत्याओं के ख़िलाफ़ भी जबरदस्त आवाज़ उठी.
इसी पसमंजर में महिला आंदोलन के दबाव में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में ‘498-ए’ वजूद में आया.
Corruption Laws in India
The Prevention Of Corruption Act, 1988 (No. 49 of 1988) defines who a public servant is and punishes public servants involved in corruption or bribery. It also punishes anyone who helps him or her commit the crime corruption or bribery.
Heirarchy of Indian Courts
भारत में न्यायालयों के पदानुक्रम में मूल रूप से सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और लोक अदालत शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट देश की पूरी न्यायिक प्रणाली की सर्वोच्च स्थिति में रखा गया है। इसमें भारत में मूल सलाहकार न्यायिक प्रणाली शामिल है। सर्वोच्च न्यायालय, जो भारत में न्यायालयों के पदानुक्रम में सर्वोच्च अधिकार है, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच या दो राज्यों की सरकारों के बीच संघर्ष से संबंधित मामलों से संबंधित है।
Laws on Divorces
तलाक के बाद भारतीय माता और पिता के कस्टडी अधिकार !
हाल ही में, मान्यनीय सुप्रीम कोर्ट ने मान्यनीय गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमे मां ने अपने आठ वर्षीय बेटे को यूनाइटेड किंगडम में ले जाने के लिए अर्जी दी थी, क्योंकि उसके विवाहित पति द्वारा शुरू की गई हिरासत युद्ध में न्यायिक आदेश पारित किया गया था। तलाक और कस्टडी की लड़ाई एक कट्टरपंथी लड़ाई बन सकती है और निर्दोष बच्चे दोनों माता-पिता के बीच कानूनी और मनोवैज्ञानिक युद्ध में फस जाते है।
Crypto Laws in India
A study on Legal Framework of Cryptocurrencies with special reference to its
regulation in India.
AI in Legal Framework
Artificial intelligence has been revolutionising all the sectors however, its impact in the field of law has not been high, but then the emergence of Covid-19, made it necessary for every sector to function online irrespective of the difficulties that would be encompassed due to the same. As the saying goes, “Necessity is the mother of invention” the field of law was also required to invoke the necessity of the technology to function effectively online.
Criminal Law Reform, Need of the Hour
One of the important aspects of the Criminal Justice system is to defend the rule of law, using social control, by maintaining order, providing speedy trial, and rehablitation of offenders through the Judicial System.